हज़ारों सन्तुष्ट मरीजों की राय ही हमें अखंडता के एक अद्वितीय स्तर तक ले जाती है।
प्रशंसा-पत्र
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हमारे हज़ारों सन्तुष्ट मरीज क्या कहते हैं ?
शिवप्रसाद पाटीदार, अध्यक्ष पाटीदार समाज (ग्राम तिल्लोर खुर्द)
दुर्भाग्य ही कहें कि हमारे इतने बड़े और संपन्न गांव में आजतक कोई सही डॉक्टर नहीं था । डॉक्टर मैडम के लिए हमने तुरंत शिवशक्ति काम्प्लेक्स के निर्माणाधीन भवन में एक नम्बर जगह निर्धारित कर दी । जब तक काम्प्लेक्स की यह जगह बनकर तैयार हो, मैंने अपनी निजी दुकान में हाथों हाथ डॉक्टर साहब के क्लिनिक का शुभारंभ करवा दिया । आज गांव के सभी लोग गांव में ही एमबीबीएस डॉक्टर होने का महत्व समझ रहे हैं ।
संजय मालविय (ग्राम पिपलीया लोहार)
लोकल डॉक्टरों के चक्कर में हम कितना परेशान हुए हैं, बता नहीं सकता, पर हर बार इंदौर जाना भी कठिन था । अब गांव में ही एमबीबीएस डॉक्टर होने से बहुत सुविधा हो गई, दवाई का फर्क साफ दिखता है ।
विजय धाड़से (ग्राम बिहाडिया)
गांव के झोलाछाप डॉक्टरों की दवाई से फायदे से ज़्यादा नुकसान हो रहा था पर आसपास कोई सही डॉक्टर था ही नहीं । किसान क्लिनिक खुलने के बाद हमारा पूरा परिवार यहीं आता है । सभी जांचें, दवाई गोली सब एक ही जगह पक्का काम हो जाता है ।
जानकी सोलंकी (ग्राम मुंडला)
मैडम यहां आए उसके पहले तो हम ज़्यादा करके कहीं डॉक्टर को दिखाने करने जाते ही नहीं थे । अपने ही गांव में सही महिला डॉक्टर होने से हम अपनी सब समस्या कह सुन सकते हैं । सही में बहुत बड़ी सुविधा हो गई ।
गुलाब सिंह (ग्राम बिहाडिया)
हमारी सारी रिश्तेदारी आसपास के गांवों में है । आफत ये थी कि कहीं किसी गांव में अभी तक कोई सही डॉक्टर नहीं था । मैडम के आने के बाद हमारा पूरा परिवार नियम से इनको ही दिखाते हैं और सबको सही लाभ भी मिला ।
संजय सोलंकी (ग्राम मुंडला)
बिना कोई जांच पड़ताल अंदाज़न गोली दवाई ले लेकर हम सब परेशान थे । अब किसान क्लिनिक में सही जांच के बाद समस्या का जड़ से इलाज मिलता है । देर से सही लेकिन अब हमारे गांव में सही डॉक्टर की सुविधा मिल रही है ।
आशा ठाकुर (ग्राम तिल्लोर)
गांव का जो चलन है, उस हिसाब से गांव में महिला डॉक्टर का होना जैसे वरदान साबित हुआ । हम सबने कितनी ही तकलीफें बिना किसी से कुछ कहे सुने भुगती हैं । अब हमारी डॉक्टर मैडम गांव में हैं तो कोई भी छोटी बड़ी बीमारी या तकलीफ में हम उनसे सलाह मशवरा कर सकते हैं ।
सुनीता प्रजापत (ग्राम तिल्लोर)
गांव के लोकल डॉक्टरों से गोली दवाई ले लेकर मैं दो साल से परेशान थी । बड़ी कमजोरी रहती थी । किसान क्लिनिक में जांच के बाद थायरॉइड की गड़बड़ी पकड़ में आई । अब मैडम से सही दवाई लेते बराबर फायदा मिला । असली डॉक्टर तो असली होता है ।
संतोष पाटीदार (ग्राम तिल्लोर)
मेरी समझ से हर गांव की पहुंच में किसान क्लिनिक का केंद्र होना चाहिए । हमारे गांव में पाटीदार समाज के सहयोग से सबसे पहला किसान क्लिनिक खुला तो अब ग्राम कम्पेल में पटेल समाज भी आगे आया है । सही जांच, सलाह और सही उपचार की सुविधा गांव गांव में पहुंचाने के लिए हम किसान क्लिनिक के आभारी हैं ।
दुर्गा पाटीदार (ग्राम तिल्लोर)
महिलाओं की समस्या कोई महिला ही सही समझ सकती है । मेरी समस्या तो दिखाने करने मैं कभी कहीं गई ही नहीं । अब जब गांव में ही सही डॉक्टर मैडम हैं तो पहली बार मैंने उनको दिखाया और सलाह करी । हम गांव की महिलाएं भी अब अपनी रोग बीमारी या किसी समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह कर सकते हैं, इससे बड़ी क्या बात होगी ।